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Friday, August 24, 2018

प्रभारी मंत्री का प्रताप, राजेश स्याग को मिला सदर


  1. कुलदीप वालिया पुरानी आबादी
  2. विजेन्द्र शीला को मिला केसरीसिंहपुर
  3.  थाने का इंतजार कर रहे मोहम्मद अनवर पहुंचे घड़साना 
  4. करणपुर डीवाईएसपी के भाई हैं अनवर
  5. पुष्पेन्द्र को फिर नहीं मिला थाना, लम्बा हुआ इंतजार
  6. मुंशी प्रेमचंद की कहानियां अब यातायात पुलिस थाना में गूंजेंगी

धीरेन्द्रसिंह को इस बार नहीं मिला गंगानगर जिला, लखोटिया का बीकानेर तबादला

श्रीगंगानगर। पुलिस महानिरीक्षक दिनेश एमएन ने शुक्रवार को आदेश जारी कर अनेक पुलिस निरीक्षकों के तबादले किये हैं। श्रीगंगानगर जिले से सिर्फ एक ही तबादला हुआ है। वेदप्रकाश लखोटिया जिले में तीन साल पूर्ण कर चुके थे इस कारण चुनाव आयोग के दिशा-निर्देर्शोंनुसार उनको चुनावों से पूर्व दूसरे जिले में भेजा गया है। वहीं धीरेन्द्रसिंह शेखावत को इस बार गंगानगर जिला नहीं मिला है और उन्हें हनुमानगढ़ में ही अगले दो साल निकालने होंगे।


हासिलशुदा जानकारी के अनुसार वेद्रपकाश लखोटिया को श्रीगंगानगर से बीकानेर, हनुमानगढ़ से रामप्रताप बिश्रोई को श्रीगंगानगर, राहुल यादव को हनुमानगढ़ से श्रीगंगानगर, विष्णु खत्री को हनुमानगढ़ से चुरू, नरेश कुमार गेरा को हनुमानगढ़ से चुरू, बहादुरसिंह शेखावत को बीकानेर से हनुमानगढ़, विष्णु दत्त को बीकानेर से हनुमानगढ़, अरविंद कुमार को बीकानेर से हनुमानगढ़, लक्ष्णमणसिंह राठौड़ को बीकानेर से श्रीगंगानगर, पुष्पेन्द्र झाझडिय़ा को चुरू से हनुमानगढ़, राजेश स्याग को हनुमानगढ़ से श्रीगंगानगर, प्रदीप सिंह को हनुमानगढ़ से बीकानेर, महेन्द्रदत्त शर्मा को हनुमानगढ़ से चुरू स्थानांतरित किया गया है। इसके अतिरिक्त धीरेन्द्रसिंह शेखावत को इस बार बीकानेर से हनुमानगढ़ भेजा गया है। इससे पहले वे हमेशा ही बीकानेर से श्रीगंगानगर में चुनावों के समय स्थानांतरण करवाते थे। इस बार चुनावों के कारण उनको भी बड़ा झटका धीरे से लगा है। चुनाव आयोग ने गत विधानसभा चुनावों में जिन अधिकारियों की ड्यूटी जिस विधानसभा क्षेत्र की थी, उस क्षेत्र में उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। अब धीरेन्द्रसिंह जिला मुख्यालय पर ही नियुक्त रहने के लिए इच्छुक रहते हैं तो इस बार उनको यह सफलता नहीं मिल रही थी, इस कारण उन्होंने हनुमानगढ़ जाना उचित समझा किंतु वहां वे कामयाब हो पायेंगे, यह तय नहीं है। 

Thursday, August 23, 2018

भरतपुर पुलिस हवालात में मौत


भरतपुर जिला में एक व्यक्ति की पुलिस हवालात में मौत हो गयी। मरने वाला व्यक्ति फौज से रिटायर था और उसको 60 पुलिस एक्ट जैसे साधारण मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की न्यायिक जांच आरंभ हो गयी है।
भरतपुर जिला में पुलिस हवालात में घटना हुई है, उससे कई पुरानी घटनाओं की ओर भी ध्यान जाता है। रेंज आईजीपी मालिनी अग्रवाल लखनऊ की रहने वाली हैं। वे राजस्थान कैडर की 1996 बैच की आईपीएस हैं। वे 2001 में जालौर एसपी थीं। उनकी एसपी के रूप में किसी जिले में पहली पोस्टिंग थी। इसके बाद वे जयपुर ट्रैफिक तथा जयपुर में ही स्पैशल क्राइम की एसपी रहीं। उनको 2008 में वसुंधरा राजे सरकार ने ही जोधपुर सिटी एसपी के रूप में पोस्टिंग दी थी।
जोधपुर एसपी रहते हुए जोधपुर के मेहरानगढ़ किला में बने मंदिर में भगदड़ मच गयी थी और कई लोग हादसे का शिकार हो गये थे। इस घटना की सीधी जिम्मेदारी एसपी पर डाली गयी और उन्हें एपीओ कर दिया गया। इसके बाद वे किसी भी जिले में एसपी के पद पर नहीं रहीं। विभिन्न पदों पर रहते हुए वे आईजी बन गयीं और सरकार ने 2015 में उनको अजमेर रेंज आईजी का पद दिया गया। अजमेर रेंज के नागौर जिले में एक हवालात में बंद व्यक्ति की मौत हो गयी थी। उस समय आईजी पर तो कोई आंच नहीं आयी किंतु अब उनको भरतपुर रेंज में पोस्टिंग दी ही गयी है तो वहां भी 22-23 अगस्त की रात्रि को भी एक हवालाती ने फांसी लगा ली।
मालिनी अग्रवाल राजस्थान कैडर की पहली आईपीएस हैं जिनके कार्यकाल में इतनी अप्रिय घटनाएं हुई हैं। यह ऐसा संयोग है जिसकी कल्पना कोई भी पुलिस अधिकारी सपने में भी नहीं करता। संभव है मालिनी अग्रवाल ने भी कभी ऐसी दुर्भाग्यशाली घटना के बारे में सोचा भी नहीं होगा। पुलिस हवालात में मौत पूरे देश को हिला देती है और भरतपुर में हुई दर्दभरी घटना से भी ऐसा ही हुआ है।

पुलिस अब 112 और 1090 से भी पहुंचेंगी आपके पास

श्रीगंगानगर में आरंभ हुआ अभय कमाण्ड
सीसीटीवी कैमरों से जुड़ा पीसीआर
सीएम वसुंधरा राजे ने दी सौगात
श्रीगंगानगर। पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) में सूचना देने के बावजूद पुलिस घटनास्थल पर देरी या नहीं पहुंचती थी। अब वह दिन समाप्त हो गये हैं। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर आज से अभय कमाण्ड सेंटर का शुभारंभ हो गया और इसके साथ ही उसने काम करना भी आरंभ कर दिया है। अपराधी को दबोचने के लिए कुछ ही क्षण में पुलिस पहुंच जायेगी, यह दावा एसपी की ओर से किया गया है।
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज जयपुर से प्रदेश के सात जिलों श्रीगंगानगर, करौली, धोलपुर, बांसवाड़ा, दौसा, झुंझुनूं व बाड़मेर जिलों में अभय कमाण्ड सेंटर का शुभारंभ किया। अभय कमाण्ड के साथ ही श्रीगंगानगर का पीसीआर अब संभाग और प्रदेश मुख्यालय में बने कमाण्ड सेंटर से जुड़ गया है। उन्होंने बताया कि अब 100 नंबर बिजी नहीं रहेगा। अगर इस नंबर पर सहायता नहीं मिलती है तो 1090 और 112 नंबर पर कॉल कर भी सहायता मांगी जा सकती है।
श्री यादव के अनुसार शहर के सभी मुख्य स्थान कैमरों से जुड़ गये हैं। इसकी शुरुआत आज से ही की गयी है। इन कैमरों को भूमिगत केबल के माध्यम से पीसीआर को जोड़ा जायेगा। पीसीआर में ही सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष आधुनिक कक्ष बनाया गया है, जिसने आज से काम करना भी आरंभ कर दिया है। इसको अभय कमाण्ड सेंटर का नाम दिया गया है। यह सेंटर बहुत ही आधुनिक सुविधाओं से सुज्जित है और इसमें तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंचने के लिए लोकेशन को ट्रैस करने की सुविधा भी है। एसपी के अनुसार 1090 और 112 नंबर बीकानेर रेंज के संभागीय अभय कमाण्ड सेंटर से जुड़े हुए हैं। संभागीय सेंटर पर भी सूचना मिलने पर वह आधुनिक तकनीक के जरिये लोकेशन ट्रैस कर कुछ ही क्षणों में जिला मुख्यालय पर बने सेंटर पर दे देगा। इससे नजदीकी पीसीआर वैन वहां पहुंच जायेगी। यह सुविधा श्रीगंगानगर के पूरे जिले में उपलब्ध होगी और 24 घंटे कार्य करेगी। इसमें कोई भी व्यक्ति/महिला सूचना देकर कभी भी पुलिस सहायता मांग सकता है। इस पूरे कार्य की मॉनिटरिंग भी कम्प्यूटराइज्ड होगी, जिससे लापरवाही की संभावना नहीं के बराबर ही होगी। एसपी ने कहा कि है कि अपराधी अब किसी भी स्थिति में बचकर भागने की स्थिति में नहीं होगा और जिले की सुरक्षा-व्यवस्था में इससे अमूल-चूल परिवर्तन होंगे। 

Tuesday, August 21, 2018

अशोक चाण्डक ने जोर का झटका धीरे से दिया

श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर को वीरान इलाका समझकर कई छुट्टभैये नेता कौओं की तरह कांव-कांव कर रहे थे। वो नेता भी प्रत्याशी का दावेदारी कर रहे थे जो कभी शहरवासियों के सुख-दुख में काम नहीं आये, जो कभी सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन में हिस्सेदार नहीं रहे। ऐसे नेता भी अपने आप को शीशे में खड़ा होकर निहारते थे और स्वयं को ही अगला विधायक होने का विश्वास जताते हुए खुद की पीठ थपथपा लेते थे। ऐसे लोगों को बहुत बड़ा झटका जयपुर से लगा है। मंगलवार दोपहर का घटनाक्रम दोनों पार्टियों के नेताओं के लिए खतरे की घंटी लेकर आया है।
समाजसेवी अशोक चाण्डक ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पहुंचकर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के सामने पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता ग्रहण की। श्री पायलट ने श्री चाण्डक जैसे कद्दावर समाजसेवी के पार्टी में शामिल होने का तहेदिल से स्वागत किया। उन्होंने विश्वास जताया कि उनके पार्टी में आने से निश्चित ही कांग्रेस जिले में और मजबूत बनकर सामने आयेगी।
अशोक चाण्डक ने सक्रिय राजनीति में शामिल होकर धमाका कर दिया। वे कभी भी पहले सक्रिय राजनीति में नहीं थे और अपने ही व्यापार को संभाल रहे थे जबकि राजनीति की जिम्मेदारी अपने छोटे भाई अजय चाण्डक को दी हुई थी। अजय चाण्डक पहले नगर परिषद के उपसभापति रह चुके थे और वर्तमान में सभापति हैं। उनका कार्यकाल अगले साल पूरा हो जायेगा।
समाजसेवी की छवि रखने वाले अशोक चाण्डक भले ही पहले कभी सक्रिय राजनीति में नहीं रहे हों लेकिन अपनी राजनीतिक चालों से बड़ों-बड़ों को उन्होंने ढेर किया है। वार्ड नं 28 शुद्ध रूप से अरोड़वंशियों का वार्ड है। 2009 के नगर परिषद चुनावों में इस वार्ड में 11 अरोड़वंशी खड़े हुए थे। सभी ने अपना समर्थन अशोक चाण्डक की रणनीति के चलते अजय चाण्डक को दे दिया था। अजय निर्वाचित हुए तो सभापति के चुनावों में 48 पार्षदों ने उन्हें अपना समर्थन दिया। यह अभूतपूर्व था। आज तक के इतिहास में सभापति के किसी भी प्रत्याशी को इतने वोट नहीं मिले थे। यह सब अशोक चाण्डक की रणनीति का ही कमाल था।
वे भले ही स्वयं सक्रिय राजनीति में नहीं रहे हों लेकिन प्रशासन-पुलिस में उनका प्रभाव रहा है और इस बात को शहरवासी दरकिनार नहीं कर सकते। आज तक जो भी कार्य असंभव समझा जाता रहा हो, वह अशोक चाण्डक ने अपनी चतुराई का इस्तेमाल करते हुए संभव बनाया है। इस तरह के चमत्कार वे पहले भी कई बार कर चुके हैं।
अब वे कांग्रेस में शामिल हो गये हैं तो निश्चित रूप से उन नेताओं में खलबली मच जायेगी, जो स्वयं को जीता हुआ मान रहे थे। कांगे्रस में आधा दर्जन उम्मीदवार टिकट मांगने के लिए लाइन में थे लेकिन इन सभी को चाण्डक ने जोर का झटका धीरे से दे दिया है। भूकम्प के बाद जैसी स्थिति तो भाजपा में भी है। किसी ने नहीं सोचा था कि राजनीति के समीकरण इस तरह से भी बदल सकते हैं। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में श्रीगंगानगर शहर की राजनीति का केन्द्र चाण्डक का कार्यालय बन सकता है जहां चुनावों की सभी तरह की रणनीतियां बनेंगी और पूरी भी होंगी। 

Sunday, August 19, 2018

श्रीगंगानगर अब विधवा हो गयी है, हर कोई देवर बनने को तैयार!

टाक का शक्ति प्रदर्शन फेल हुआ तो एक और सेठ श्रीकृष्ण मील आ गये मैदान में
हर सेठ की है इस बार विधायक बनने की चाहत
श्रीगंगानगर। जब कोई जवान महिला विधवा हो जाती है तो हर कोई उसका देवर बनने को तैयार हो जाता है। इस तरह का हाल श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र को लेकर है। जिसके चेहरे को शहर की 10 प्रतिशत जनता भी नहीं जानती, वह भी विधायक बनने के लिए दावे कर रहा है और मीडिया को माध्यम बनाकर अपना नाम आगे कर रहा है। दौड़ में कुछ लोग आ रहे हैं तो कुछ बाहर भी हो रहे हैं। दौड़ में सबसे पहले बाहर होने वालों में प्रहलाद राय टाक शामिल हुए। उन्होंने अपनी बंद मु_ी राजनीतिक अनुभव की कमी के चलते खोल दी और फिर वही हुआ जिसका भय था। उनका नाम शहर से चर्चा से हट गया। अब नया सेठ आये हैं। नाम है श्रीकृष्ण मील। व्यापारी हैं। सूरतगढ़ के पूर्व विधायक गंगाजल मील के भाई तथा पूर्व जिला प्रमुख पृथ्वीराज मील के चाचा हैं। इसके अतिरिक्त एक विवादित डॉक्टर भी मैदान में आ रहा है। अरोड़वंशी होने के नाम पर वह खुद को भावी विधायक पेश कर रहा है। उसके चेहरे को अधिकांश मीडियाकर्मी भी नहीं जानते। कुछ भाजपाई ही उसको आगे कर रहे हैं। यह भाजपाई ही पिछली बार भाजपा को हराने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
पिछले कुछ सालों से सक्रिय राजनीति में सक्रिय अनेक नेता स्वयं को टिकट का दावेदार पहले से ही बताते रहे हैं। इनमें जगदीश जांदू, जेएम कामरा, राजकुमार गौड़, अंकुर मिगलानी, जयदीप बिहाणी, अर्जुन राजपाल, ललित बहल आदि कांग्रेसी नेता शामिल थे। वहीं भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर, उनके पुत्र रमेश राजपाल, महेश पेड़ीवाल, शिव स्वामी,राजकुमार सोनी, अजय चाण्डक, संजय महीपाल, प्रहलाद राय टाक आदि शामिल थे। इन लोगों ने खुलकर दावेदारी भी पेश की है।
वहीं अरोड़वंशी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र होने के कारण अरोड़वंशी के नाम पर एक दर्जन से ज्यादा चेहरे पहले से थे। इनमें अर्जुन राजपाल, राधेश्याम गंगानगर, रमेश राजपाल, नमिता सेठी, जेएम कामरा, अंकुर मिगलानी, ललित बहल आदि-आदि। अब इनमें एक और नया नाम जुड़ गया है। अरोड़वंशी है। भाजपा से नाता रखता रहा है। अब भाजपाई का एक ही विरोधी गुट इस चेहरे को आगे कर चुनाव मैदान में उतारने का प्रयास कर रहा है। यह भी पैसे वाला है। खूब पैसा कमाया है डॉक्टरी के पेशे से। या यूं कहा जा सकता है कि जिले की जनता की मजबूरियों को हथियार बनाकर लूटा है। अब इस पैसे को लूटने के लिए ही भाजपा के लोग इस चेहरे को एमएलए का ख्वाब दिखा रहे हैं।
वहीं प्रहलाद राय टाक ने पिछले दिनों अपनी बंद मु_ी खोल दी। लोगों को शानदार भोजन खिलाने का लालच भी दिया किंतु आये 1 हजार लोग भी नहीं। उनके नजदीकी लोग ही अब मान रहे हैं कि टाक ने बंद मु_ी खोलकर बहुत बड़ी गलती कर दी। उन्होंने जहां लाखों खर्च करके अपने कार्यक्रम के सफल होने का प्रचार करवाया हो लेकिन शहरवासी जानते हैं कि वह वर्चुअल था। उसमें हकीकत नहीं थी। जो नेता शक्ति प्रदर्शन कर रहा हो और वह एक हजार लोग भी नहीं जुटा पा रहा हो तो इसका अर्थ यही है कि वह दौड़ से बाहर हो गया। ईमानदारी से विचार करेंगे तो श्री टाक को भी लगेगा कि शहरी क्षेत्र से तो उतने भी लोग नहीं आये, जितनी आशा की जा रही थी। जो भी कुम्हार बिरादरी के लोग आये, वह बाहरी क्षेत्र से थे।
टाक की बंद मुट्ठी खुलते ही अब एक और व्यापारी नेता ने विधायक बनने के ख्वाब देखने आरंभ कर दिये हैं। श्रीकृष्ण मील बड़े व्यापारी हैं। संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष रहे हैं। नगर परिषद सभापति बनने का भी सपना देखा था जो पूरा नहीं हो पाया। अब वह सीधे विधायक बनने के लिए कमर कस रहे हैं। पिछली बार कांगे्रस प्रत्याशी भी जाट थे और अरोड़वंशियों ने जननेता की छवि होने के बावजूद उनको नकार दिया था। पिछले पांच सालों में अरोड़वंशियों ने अपनी अनदेखी को प्रशासन, राजनीतिक, पुलिस आदि क्षेत्रों में महसूस किया है। इस कारण वे अरोड़वंशी को ही विजयी बनाने का प्रयास करेंगे ताकि उनके समाज की खोई हुई प्रतिष्ठा तो वापिस आ जाये। इससे उन सेठ लोगों को गहरा धक्का लग सकता है जो सिर्फ पैसों के दम पर ही विधानसभा में पहुंचने का सपना देख रहे हैं। 

Saturday, August 18, 2018

श्रीगंगानगर की जनता से किया वायदा पूरा कर पायेंगे आईजी







अपराधियों में खौफ का दूसरा नाम बन चुके आईजीपी दिनेश एमएन ने जिले की जनता को विश्वास दिलाया है कि संगठित अपराध को खत्म करने के लिए पुलिस पूरे प्रयास करेगी। जिले को नशामुक्त बनाने के लिए भी एसपी की टीम बेहतर कार्य करेगी। नशे के आदी युवकों को नशामुक्त करने के लिए भी प्रयास होंगे।
समाज की बेहतरी के लिए संघर्ष करने वाले 'सांध्यदीप टीवीÓ टीम ने पंजाब की नहरों से आने वाले अज्ञात शवों के मुद्दे को गंभीरता से उठाया। आप भी सुनिये। आईजी और एसपी ने जिलावासियों से और क्या वादे किये, उनको भी ध्यान से सुने। 

आईजी एमएन ने पंजाब के अधिकारियों को भी बुलाया क्राइम मीटिंग में

एसपी ने आरक्षीगण के लिए लगायी पेटी
थाना व अधिकारी से संबंधित शिकायत बिना नाम लिखे डाल सकेंगे
श्रीगंगानगर। बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ लम्बी बैठक की। इसको मंथन बैठक का नाम दिया जा सकता है और इस बैठक के जरिये आईजी ने पुलिस अधिकारियों को जिले की पुलिस की इज्जत बहाली के लिए मूल मंत्र भी दिया। वह मंत्र था, अपराधियों को सलाखों के पीछे डालो। इस बैठक में ही आईजी ने पंजाब के पुलिस अधिकारियों को भी बुला लिया था। उनके साथ भी बेहतर तालमेल के लिए विचार-विमर्श किया गया।
अबोहर मार्ग पर स्थित पुलिस लाइन में आयोजित क्राइम बैठक में आईजी दिनेश एमएन ने पुलिस अधिकारियों को साफ शब्दों में बताया कि संगठित अपराध जिले में पैर पसार रहा है। पंजाब-हरियाणा के संगठित अपराधी श्रीगंगानगर की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही और ज्यादा हो जाती है। पंजाब के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए। पंजाब पुलिस ने श्रीगंगानगर पुलिस के साथ मिलकर अपराध की रोकथाम करने की मंशा जतायी। आईजी और पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने अपराधियों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया। पंजाब के अधिकारियों को विश्वास दिलाया गया कि श्रीगंगानगर जिला पुलिस पंजाब पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी और संगठित अपराधियों को श्रीगंगानगर में कहीं भी पनाह नहीं लेने दी जायेगी।
बैठक प्रात: 11 बजे आरंभ हुई और शाम करीबन 7 बजे तक चली। 8 घंटे की इस मैराथन के बाद जिले के उन अधिकारियों के चेहरे मुरझाये हुए थे, जो अभी तक आरामपसंद जिंदगी जीते रहे हैं। उन्हें लगने लगा है कि अब एसी वाले ऑफिस से बाहर निकलकर काम करना होगा। इससे पहले प्रात: आईजी ने जिले के आरक्षीगण की सम्पर्क सभा ली। इस बैठक में सभी कर्मचारियों को आश्वस्त किया गया कि उनके लिए अच्छा माहौल बनाया जायेगा। पुलिस लाइन में एक पेटी भी लगायी गयी है, इसमें आरक्षीगण अपने अधिकारियों के दुव्र्यवहार व लापरवाही से संबंधित शिकायत डाल सकेंगे। इसमें अगर किसी आरक्षी का नाम नहीं होगा तब भी जांच करवायी जायेगी। इस पेटी की चाबी जिला पुलिस अधीक्षक के पास होगी। एसपी स्वयं हर सप्ताह इस पेटी को खोलकर उसमें डाली गयी शिकायतों का अध्ययन करेंगें और आवश्यकतानुसार आगामी कार्यवाही करेंगे। 

Friday, August 17, 2018

वाजपेयी की शव यात्रा का सीधा प्रसारण


नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शव यात्रा का लाइव प्रसारण आजतक के यूपी तक के सौजन्य से किया जा रहा है। देश के महाकवि, महापुरुष, युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त को नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था। आज उनकी शव यात्रा निकाली जा रही है, जिसमें हजारों लोग शामिल हैं। नई दिल्ली में सभी प्रमुख बाजार बंद हैं। बंद का आह्वान स्वयं दिल्ली के व्यापारियों की ओर से ही किया गया था। 

Monday, August 13, 2018

आईजी दिनेश 17 को आयेंगे गंगानगर

सांध्यदीप के माध्यम से जिलावासियों को विश्वास दिलाया, अपराधियों के नाम का भय अब नहीं रहेगा

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