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Friday, August 24, 2018

धीरेन्द्रसिंह को इस बार नहीं मिला गंगानगर जिला, लखोटिया का बीकानेर तबादला

श्रीगंगानगर। पुलिस महानिरीक्षक दिनेश एमएन ने शुक्रवार को आदेश जारी कर अनेक पुलिस निरीक्षकों के तबादले किये हैं। श्रीगंगानगर जिले से सिर्फ एक ही तबादला हुआ है। वेदप्रकाश लखोटिया जिले में तीन साल पूर्ण कर चुके थे इस कारण चुनाव आयोग के दिशा-निर्देर्शोंनुसार उनको चुनावों से पूर्व दूसरे जिले में भेजा गया है। वहीं धीरेन्द्रसिंह शेखावत को इस बार गंगानगर जिला नहीं मिला है और उन्हें हनुमानगढ़ में ही अगले दो साल निकालने होंगे।


हासिलशुदा जानकारी के अनुसार वेद्रपकाश लखोटिया को श्रीगंगानगर से बीकानेर, हनुमानगढ़ से रामप्रताप बिश्रोई को श्रीगंगानगर, राहुल यादव को हनुमानगढ़ से श्रीगंगानगर, विष्णु खत्री को हनुमानगढ़ से चुरू, नरेश कुमार गेरा को हनुमानगढ़ से चुरू, बहादुरसिंह शेखावत को बीकानेर से हनुमानगढ़, विष्णु दत्त को बीकानेर से हनुमानगढ़, अरविंद कुमार को बीकानेर से हनुमानगढ़, लक्ष्णमणसिंह राठौड़ को बीकानेर से श्रीगंगानगर, पुष्पेन्द्र झाझडिय़ा को चुरू से हनुमानगढ़, राजेश स्याग को हनुमानगढ़ से श्रीगंगानगर, प्रदीप सिंह को हनुमानगढ़ से बीकानेर, महेन्द्रदत्त शर्मा को हनुमानगढ़ से चुरू स्थानांतरित किया गया है। इसके अतिरिक्त धीरेन्द्रसिंह शेखावत को इस बार बीकानेर से हनुमानगढ़ भेजा गया है। इससे पहले वे हमेशा ही बीकानेर से श्रीगंगानगर में चुनावों के समय स्थानांतरण करवाते थे। इस बार चुनावों के कारण उनको भी बड़ा झटका धीरे से लगा है। चुनाव आयोग ने गत विधानसभा चुनावों में जिन अधिकारियों की ड्यूटी जिस विधानसभा क्षेत्र की थी, उस क्षेत्र में उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। अब धीरेन्द्रसिंह जिला मुख्यालय पर ही नियुक्त रहने के लिए इच्छुक रहते हैं तो इस बार उनको यह सफलता नहीं मिल रही थी, इस कारण उन्होंने हनुमानगढ़ जाना उचित समझा किंतु वहां वे कामयाब हो पायेंगे, यह तय नहीं है। 

हनुमानगढ़ में भी सट्टाकिंग गिरफ्तार, डेढ़ लाख बरामद

नशीली दवाइयां भी पकड़ी
श्रीगंगानगर। हनुमानगढ़ जिले में भी पुलिस ने सट्टा व मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। पिछले 24 घंटों के दौरान पुलिस को भारी सफलता हासिल हुई है। एक सट्टाकिंग को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है और उसके कब्जे से करीबन डेढ़ लाख रुपये बरामद किये गये हैं। इसके अतिरिक्त नशीली दवाइयों सहित भी एक को दबोचा गया है।
एसपी अनिल कयाल ने बताया कि सट्टा व अन्य जरायमपेशा के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है और इसी कड़ी के तहत ही हनुमानगढ़ जंक्शन थाना पुलिस ने राजेश जैन निवासी सैक्टर नंबर 12 हनुमानगढ़ को गिरफ्तार किया गया। वह अपने मकान पर ही सट्टे का कारोबार कर रहा था। मौके से करीबन 1 लाख 60 हजार रुपये बरामद किये गये। उसके विरुद्ध मुकदम दर्ज किया गया है और उसके गिरोह में शामिल गुर्गों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। श्री कयाल ने बताया कि इसके अतिरिक्त संगरिया पुलिस ने एक व्यक्ति को 250 गोली नशीली दवाइयों सहित गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 

Sunday, August 19, 2018

बलराज मान ने फिर पकड़े नशे के सौदागर

श्रीगंगानगर। जिले के नशा मुक्त करने की एसपी की मुहिम को एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। सादुलशहर थानाधिकारी बलराज मान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तीन जनों को हजारों की नकदी और भारी मात्रा में नशीली दवाइयों सहित गिरफ्तार किया है।  तीन और लोगों को भी चिट्टा व नशीली दवाइयों सहित गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सादुलशहर में ही एक घर पर छापा मारकर बलराज मान ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। इनके कब्जे से 60 शीशी नशीली दवाई बरामद हुई है। यह दवा सिरप है। खांसी की रोकथाम के काम आती है लेकिन इसको ही नशे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। इनके कब्जे से करीबन 16 हजार रुपये की नकदी भी बरामद की गयी है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सादुलशहर नशे के रूप में बड़ी मंडी के रूप में पंजाब में पहचान बना चुका है। यहां आज की तारीख में भी पंजाब से दर्जनों लोग रोजाना पोस्त खाने के लिए आते हैं। एसएचओ अब ऐसे लोगों को भी दबोचने के लिए फिल्डिंग लगा रहे हैं। बलराज मान ने तीन और लोगों को भी चिट्टा व नशीली दवाइयों सहित गिरफ्तार किया है। मान के अनुसार सिरसा के दो व्यक्तियों तथा एक स्थानीय व्यक्ति को 9 ग्राम चिट्टा व नशीली दवा सहित गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 

Tuesday, August 7, 2018

क्या ऐसे भलेमानस भी एसएचओ होते हैं?

एसपी हुए थानाधिकारी की सादगी को देखकर प्रभावित
श्रीगंगानगर। पुलिस विभाग में उच्चाधिकारी अनौपचारिक रूप से मानते रहे हैं कि पुलिस के नीचले अधीनस्थ अधिकारियों को नकेल कस कर रखने की आवश्यकता होती है अन्यथा वह बेलगाम हो जाते हैं। ऐसे प्रमाण हमें रोजाना देखने को भी मिल जाते हैं लेकिन तलवाड़ा थानाधिकारी की सादग को देखकर पुलिस अधीक्षक भी प्रभावित हुए।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हनुमानगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल सोमवार को तलवाड़ा व टिब्बी पुलिस थानों का निरीक्षण करने के लिए गये थे। तलवाड़ा पुलिस थाना में वे कार्यभार संभालने के बाद पहली बार गये। थानाधिकारी रघुवीरसिंह की सादगी को देखकर एसपी काफी प्रभावित हुए। वहीं स्टाफ के साथ भी मिले और क्षेत्र के हालात की जानकारी ली।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक श्री कयाल ने थानाधिकारी को पाबंद किया कि जिस तरह की स्थिति उन्हें आज देखने को मिली है। वैसी ही रोजाना आम आदमी के लिए भी ऐसी ही होनी चाहिये। श्री कयाल ने थानाधिकारी की सादगी को देखकर उन्हें शाबाशी भी दी और कहा कि इसी तरह से क्षेत्रवासियों को न्याय दिलाने का प्रयास करते रहे। 

पुलिस और प्रशासन अब बिजी रहेगा!

10 अगस्त को चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद नहीं मिलेगा पानी पीने को भी समय

Saturday, August 4, 2018

मोहरसिंह पूनिया और राहुल यादव बने डीवाईएसपी


15 अगस्त के बाद कुलदीप चारण भी आ जायेंगे इंस्पेक्टर बनकर

श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने पुलिस अधिकारियों को चुनावों से पूर्व एक और बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने पुलिस इंस्पेक्टरों को डीवाईएसपी के पद पर पदोन्नत किया है। इनमें मोहरसिंह पूनिया और राहुल यादव भी शामिल हैं।

सरकार ने शनिवार को जारी की सूची में 79 पुलिस निरीक्षकों को डीवाईएसपी याने आरपीएस के पद पर पदोन्नत कर दिया है। पुलिस विभाग ने डीपीसी के बाद सूची कार्मिक विभाग को भेजी थी। कार्मिक विभाग ने अपनी स्वीकृति जारी करते हुए गृह विभाग को भिजवाया तो गृह विभाग ने आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिये। इस सूची का इंतजार सभी निरीक्षकों को था।

जारी की गयी सूची के अनुसार श्रीगंगानगर जिले के अनेक थानों में एसएचओ रहे राहुल यादव भी अब आरपीएस हो गये हैं। उन्हें एसआई से भी इंस्पेक्टर के पद पर विशेष पदोन्नति मिली थी। उनके बैच के सामान्य वर्ग से फिलहाल किसी को पदोन्नति नहीं मिली है। वहीं एससी और एसटी वर्ग में अनेक अधिकारी पूर्व में ही आरपीएस बन चुके हैं। इसके साथ ही सबको साथ लेकर चलने की कार्यप्रणाली, अपने मिलनसार व्यवहार और मधुर भाषा के कारण हर आदमी पर अपनी अमिट छाप छोडऩे वाले मोहर सिंह पूनिया भी अब डीवाईएसपी बन गये हैं।

सरकार की ओर से जारी किये गये इन अधिकारियों को फिलहाल किसी भी सर्किल में सीओ के पद पर नहीं लगाया जायेगा बल्कि एक साल के लिए इनको पुलिस के सहयोगी एजेंसियों एसीबी-एससी-एसटी, एसओजी, एटीएस, सीआईडी जैसे विभागों में सेवाएं देने होंगी। अगले साल यह अधिकारी किसी भी सर्किल के डीवाईएसपी बन सकेंगें। फिलहाल मोहरसिंह पूनिया जयपुर के गांधीनगर पुलिस थाना तथा राहुल यादव हनुमानगढ़ जिले में नियुक्त हैं। वहीं अगले साल रामप्रताप बिश्नोई, नरेन्द्र पूनिया, रमेश माचरा सहित कई और पुलिस निरीक्षक डीवाईएसपी बन सकते हैं। यह अधिकारी प्राथमिकता में हैं।

वहीं हाल ही में ट्रैफिक थाना में लगाये गये एसआई कुलदीप चारण भी अब इंस्पेक्टर बन गयें हैं और इन दिनों जयपुर पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि वे आगामी 15 अगस्त के बाद श्रीगंगानगर आ जायेंगे और इसके बाद उन्हें भी किसी थाने में एसएचओ का पद मिल जायेगा। फिलहाल ट्रैफिक थाने में रिक्त पद पर गंगानगर के ही मूल निवासी अजयपालसिंह की नियुक्ति की गयी है, जो गांव तीन वाई के रहने वाले हैं।

Friday, August 3, 2018

एसपी यादव ने कहा, तुम भाग भी नहीं पाओगे


श्रीगंगानगर। पुलिस अधीक्षक का कार्यभार संभालते ही योगेश यादव ने सबसे पहले अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की हिस्ट्रीशीट को भी देखा और उनकी आज की वस्तुस्थिति की भी जानकारी ली। एसपी ने इसके बाद प्रेस नोट जारी किया और उन लोगों को चेतावनी दी कि भाई आओ और अदालत में पेश हो, अब तुम भाग नहीं पाओगे।
श्रीगंगानगर की मीडिया के लिए कुछ दिन पूर्व पुलिस अधीक्षक योगेश यादव की ओर से जारी किया गया प्रेस नोट समझ नहीं आया था। यह ऐसा नोट था जो पहली बार एसपी दफ्तर से मीडिया को जारी किया गया था। इसमें उन अपराधियों को चेतावनी दी गयी थी जो अपने मुकदमो में गिरफ्तारी के भय से विदेश भागने की फिराक में थे। एसपी ने साफ कहा कि यहां से तुम भाग जाओगे, लेकिन फ्लाइट कैसे पकड़ोगे। तुम्हारी फ्लाइट को रोकने के लिए लुक आउट नोटिस जारी करना ही काफी है और इस तरह से 6 दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। इस कारण विदेश में भाग पाना अब असंभव है। एसपी ने संदेश दिया था कि अदालत में पेश होकर अपने मुकदमो का सामना करो और फिर अदालत के आदेश से बाहर जाना हो तो सूचित कर जाओ। एसपी के तेवर देखकर ही कुछ जरायमपेशा छोड़कर खुद को समाजसेवी का लबादा पहनकर प्रचार करने लगे थे। 

Friday, July 27, 2018

जोधपुर के नये आईजी एचजी राघवेन्द्र सुहासा : गरीबों के लिए देवदूत


श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने एक बहुत बड़ा निर्णय लेते हुए गरीबों के लिए देवदूत की छवि रखने वाले आईपीएस एचजी राघवेन्द्र सुहासा को जोधपुर रेंज का आईजी नियुक्त किया है और यह निर्णय सरकार को आगामी चुनावों में बहुत ही फायदे वाला हो सकता है क्योंकि यह अधिकारी गरीबों की पीड़ा को जानता है और उनकी पीड़ा को सुनने के लिए उनके घर तक जा सकता है और आरोपी कितना भी प्रभावशाली हो, उसको सलाखों के पीछे पहुंचाने की ताकत रखता है। दिल रखता है। सोच भी रखता है।
कर्नाटक की राजधानी बेंगुलरू से कुछ किमी की दूरी पर एक गरीब घर में जन्म लेकर अपनी प्रतिभा के बलबूते पर इंजीनियर बने। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को उत्तीर्ण किया। राजस्थान कैडर मिला। अजमेर जिले में सौरभ श्रीवास्तव एसपी के नीचे एसएचओ स्तर की टे्रनिंग ली और फिर भरतपुर जिले में सीओ के पद पर रहे। वहां उन्होंने अपराध पर वो नियंत्रण किया कि आज भी लोग उनको याद करते हैं। एक प्रशिक्षु आईपीएस की विदाई के समय उन्हें लोग जयपुर तक छोडऩे के लिए आये थे। डीग की जनता उन्हें आज भी भूल नहीं पायी है।
इसके बाद उनकी प्रतिभा को देखते हुए सीएम वसुंधरा राजे ने अपने गृह जिले झालावाड़ में उनको पहली नियुक्ति दी। वहां अच्छा कार्य करने के बाद हनुमानगढ़ जिले में वे एसपी रहे और फिर जयपुर में एसपी रहे। उनके ही क्षेत्र में बम ब्लास्ट हुए थे और आतंकवादियों को उन्होंने बिना सीसीटीवी कैमरों की मदद से ही तलाश लिया था। उनको कई राज्यों तक जाना पड़ा लेकिन वे उन आरोपियों को नामजद करने में सफल रहे। इससे वे पूरे देश में एक मजबूत आईपीएस के रूप में पहचान बनाने में कामयाब हो गये।
श्री सुहासा को वे नेता पसंद नहीं करते जो पुलिस को अपनी कठपुतली बनाकर काम करवाना चाहते हैं। यही कारण रहा कि हरियाणा के आईएएस खेमका की तरह उनका भी एसपी के रूप में अनेक जिलों में तबादला हुआ। वे बीकानेर जिला एसपी के पद पर भी 2009-10 में रहे। इसके बाद उनको नागौर और भीलवाड़ा जिलों में भी नियुक्ति मिली। डीआईजी बनने के बाद उनको जयपुर मुख्यालय में सिक्योरिटी जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिला। अब उनको राज्य सरकार ने जोधपुर रेंज का आईजी के पद पर नियुक्त किया है और यह आम आदमी की जीत होनी चाहिये, क्योंकि वे गरीब लोगों के लिए देवदूत से कम नहीं है।
जब कोई भी व्यक्ति आईएएस या आईपीएस पद पर चयनित हो जाता है तो वह खुद को बहुत ही बलवान समझने लगता है। ओवरमांइड रियेक्शन करता है। सरकारें ऐसे अधिकारियों को सबक भी सिखाती हैं और उनको जिलों में नहीं बल्कि आरएसी जैसे विभाग में कमांडेंट बनाकर भेज देती हैं, जहां उनके लिए सिरदर्दी के अलावा कोई काम नहीं होता। कोई भी आम व्यक्ति से वह सम्पर्क में नहीं रहता। पुलिस से उसका कोई वास्ता नहीं होता। ऐसे लोगों को सरकार उनकी औकात दिखा देती है।
वहीं सुहासा गरीबी में पढ़े लिखे हैं। गरीबी में रहे हैं। गरीबी उन्होंने देखी है। वे उस दौर को भी देख चुके हैं जब स्कूल जाने के लिए उनके पास स्पोट्र्स शूज नहीं होते थे। बस में जाने के लिए किराया नहीं होता था। आज वही व्यक्ति एक सीनियर आईपीएस के रूप में लाखों लोगों को न्याय दिलाने, उनकी रक्षा करने के लिए नियुक्त किया गया है। निसंदेह गरीब लोगों की वे पीड़ा को समझने में कामयाब होंगे और वहां कानून का राज मजबूत कर सरकार की नीतियों को भी आमजन तक पहुंचायेंगे ताकि सरकार की छवि और बेहतर हो सके।

बीकानेर रेंज के एमएन दिनेश नये आईजी

एक बुरे दौर का अंत हुआ, काली रात के बाद नयी ऊर्जा वाली सुबह आई                                         सम्पादक की टांग टूट गयी लेकिन सांध्यदीप ने विपिन पाण्डेय की कारगुजारियों के खिलाफ अभियान जारी रखा

Thursday, July 26, 2018

सख्त मिजाज एसपी यादव के पहले शिकार हुए एएसआई


गणेशगढ़ चौकी प्रभारी निलम्बित
सबसे पहले सांध्यदीप ने ही एएसआई के कारनामे किये थे उजागर
श्रीगंगानगर। पूरे प्रदेश में अपनी दबंगता के लिए अलग पहचान रखने वाले एसपी योगेश यादव ने कार्यभार संभालने के बाद अनुशासनहीनता के आरोप में गणेशगढ़ चौकी प्रभारी को निलम्बित कर दिया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठायी गयी है और संभवत: उसको आरोप-पत्र भी जांच के बाद दिया जा सकता है। 
परिवादी को न्याय मिले के सिद्धांत के साथ पुलिस अधीक्षक का कर्तव्य निभाने वाले एसपी योगेश यादव ने कार्यभार संभालने के साथ ही पुलिस अधिकारियों के साथ पहली बैठक में ही यह संदेश दे दिया था कि नशा के खिलाफ अभियान उनकी पहली प्राथमिकता है। इसको वे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। नशा अनेक अपराधों को जन्म देता है। एसपी के इन आदेशों के बावजूद लालगढ़ थाना क्षेत्र में नशे की खुली बिक्री हो रही थी। थानाधिकारी ने अपनी अधीनस्थ पुलिस पोस्ट गणेशगढ़ क्षेत्र में छापामारी की तो वहां नशीली दवाइयां मिलीं। इसको लेकर चौकी प्रभारी और थानाधिकारी के बीच विवाद हो गया। 
वहीं चौकी प्रभारी ने थानाधिकारी के खिलाफ बयानबाजी की तो इसको पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने गंभीरता से लिया है। श्री यादव ने 'सांध्यदीप.कॉ.इनÓ से वार्ता करते हुए बताया कि एएसआई धर्मेन्द्रसिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एएसआई के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठायी गयी है, जो नशीली दवाओं में उनकी मिलीभगत की जांच करेगी। 
उल्लेखनीय है कि एएसआई और थानाधिकारी के बीच पिछले काफी दिनों से ही विवाद चल रहा था। दोनों ही पंजाबी जट्ट हैं। एक ही जाति के होने के बावजूद दोनों के बीच विवाद था। यह विवाद रसूख को लेकर था या... यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। धर्मेन्द्रसिंह उस समय भी विवादों में आ गये थे जब वे चौकी को ताला लगाकर अपने घर सूरतगढ़ चले जाते थे। इसको लेकर लाइव न्यूज भी सांध्यदीप.कॉ.इन द्वारा बनायी गयी थी, जो यू-ट्यूब पर देखी जा सकती है। 

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