Thursday, August 23, 2018

भरतपुर पुलिस हवालात में मौत


भरतपुर जिला में एक व्यक्ति की पुलिस हवालात में मौत हो गयी। मरने वाला व्यक्ति फौज से रिटायर था और उसको 60 पुलिस एक्ट जैसे साधारण मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की न्यायिक जांच आरंभ हो गयी है।
भरतपुर जिला में पुलिस हवालात में घटना हुई है, उससे कई पुरानी घटनाओं की ओर भी ध्यान जाता है। रेंज आईजीपी मालिनी अग्रवाल लखनऊ की रहने वाली हैं। वे राजस्थान कैडर की 1996 बैच की आईपीएस हैं। वे 2001 में जालौर एसपी थीं। उनकी एसपी के रूप में किसी जिले में पहली पोस्टिंग थी। इसके बाद वे जयपुर ट्रैफिक तथा जयपुर में ही स्पैशल क्राइम की एसपी रहीं। उनको 2008 में वसुंधरा राजे सरकार ने ही जोधपुर सिटी एसपी के रूप में पोस्टिंग दी थी।
जोधपुर एसपी रहते हुए जोधपुर के मेहरानगढ़ किला में बने मंदिर में भगदड़ मच गयी थी और कई लोग हादसे का शिकार हो गये थे। इस घटना की सीधी जिम्मेदारी एसपी पर डाली गयी और उन्हें एपीओ कर दिया गया। इसके बाद वे किसी भी जिले में एसपी के पद पर नहीं रहीं। विभिन्न पदों पर रहते हुए वे आईजी बन गयीं और सरकार ने 2015 में उनको अजमेर रेंज आईजी का पद दिया गया। अजमेर रेंज के नागौर जिले में एक हवालात में बंद व्यक्ति की मौत हो गयी थी। उस समय आईजी पर तो कोई आंच नहीं आयी किंतु अब उनको भरतपुर रेंज में पोस्टिंग दी ही गयी है तो वहां भी 22-23 अगस्त की रात्रि को भी एक हवालाती ने फांसी लगा ली।
मालिनी अग्रवाल राजस्थान कैडर की पहली आईपीएस हैं जिनके कार्यकाल में इतनी अप्रिय घटनाएं हुई हैं। यह ऐसा संयोग है जिसकी कल्पना कोई भी पुलिस अधिकारी सपने में भी नहीं करता। संभव है मालिनी अग्रवाल ने भी कभी ऐसी दुर्भाग्यशाली घटना के बारे में सोचा भी नहीं होगा। पुलिस हवालात में मौत पूरे देश को हिला देती है और भरतपुर में हुई दर्दभरी घटना से भी ऐसा ही हुआ है।

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