एसपी ने आरक्षीगण के लिए लगायी पेटी
थाना व अधिकारी से संबंधित शिकायत बिना नाम लिखे डाल सकेंगे
श्रीगंगानगर। बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ लम्बी बैठक की। इसको मंथन बैठक का नाम दिया जा सकता है और इस बैठक के जरिये आईजी ने पुलिस अधिकारियों को जिले की पुलिस की इज्जत बहाली के लिए मूल मंत्र भी दिया। वह मंत्र था, अपराधियों को सलाखों के पीछे डालो। इस बैठक में ही आईजी ने पंजाब के पुलिस अधिकारियों को भी बुला लिया था। उनके साथ भी बेहतर तालमेल के लिए विचार-विमर्श किया गया।
अबोहर मार्ग पर स्थित पुलिस लाइन में आयोजित क्राइम बैठक में आईजी दिनेश एमएन ने पुलिस अधिकारियों को साफ शब्दों में बताया कि संगठित अपराध जिले में पैर पसार रहा है। पंजाब-हरियाणा के संगठित अपराधी श्रीगंगानगर की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही और ज्यादा हो जाती है। पंजाब के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए। पंजाब पुलिस ने श्रीगंगानगर पुलिस के साथ मिलकर अपराध की रोकथाम करने की मंशा जतायी। आईजी और पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने अपराधियों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया। पंजाब के अधिकारियों को विश्वास दिलाया गया कि श्रीगंगानगर जिला पुलिस पंजाब पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी और संगठित अपराधियों को श्रीगंगानगर में कहीं भी पनाह नहीं लेने दी जायेगी।
बैठक प्रात: 11 बजे आरंभ हुई और शाम करीबन 7 बजे तक चली। 8 घंटे की इस मैराथन के बाद जिले के उन अधिकारियों के चेहरे मुरझाये हुए थे, जो अभी तक आरामपसंद जिंदगी जीते रहे हैं। उन्हें लगने लगा है कि अब एसी वाले ऑफिस से बाहर निकलकर काम करना होगा। इससे पहले प्रात: आईजी ने जिले के आरक्षीगण की सम्पर्क सभा ली। इस बैठक में सभी कर्मचारियों को आश्वस्त किया गया कि उनके लिए अच्छा माहौल बनाया जायेगा। पुलिस लाइन में एक पेटी भी लगायी गयी है, इसमें आरक्षीगण अपने अधिकारियों के दुव्र्यवहार व लापरवाही से संबंधित शिकायत डाल सकेंगे। इसमें अगर किसी आरक्षी का नाम नहीं होगा तब भी जांच करवायी जायेगी। इस पेटी की चाबी जिला पुलिस अधीक्षक के पास होगी। एसपी स्वयं हर सप्ताह इस पेटी को खोलकर उसमें डाली गयी शिकायतों का अध्ययन करेंगें और आवश्यकतानुसार आगामी कार्यवाही करेंगे।
थाना व अधिकारी से संबंधित शिकायत बिना नाम लिखे डाल सकेंगे
श्रीगंगानगर। बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ लम्बी बैठक की। इसको मंथन बैठक का नाम दिया जा सकता है और इस बैठक के जरिये आईजी ने पुलिस अधिकारियों को जिले की पुलिस की इज्जत बहाली के लिए मूल मंत्र भी दिया। वह मंत्र था, अपराधियों को सलाखों के पीछे डालो। इस बैठक में ही आईजी ने पंजाब के पुलिस अधिकारियों को भी बुला लिया था। उनके साथ भी बेहतर तालमेल के लिए विचार-विमर्श किया गया।
अबोहर मार्ग पर स्थित पुलिस लाइन में आयोजित क्राइम बैठक में आईजी दिनेश एमएन ने पुलिस अधिकारियों को साफ शब्दों में बताया कि संगठित अपराध जिले में पैर पसार रहा है। पंजाब-हरियाणा के संगठित अपराधी श्रीगंगानगर की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही और ज्यादा हो जाती है। पंजाब के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए। पंजाब पुलिस ने श्रीगंगानगर पुलिस के साथ मिलकर अपराध की रोकथाम करने की मंशा जतायी। आईजी और पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने अपराधियों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया। पंजाब के अधिकारियों को विश्वास दिलाया गया कि श्रीगंगानगर जिला पुलिस पंजाब पुलिस के साथ मिलकर काम करेगी और संगठित अपराधियों को श्रीगंगानगर में कहीं भी पनाह नहीं लेने दी जायेगी।
बैठक प्रात: 11 बजे आरंभ हुई और शाम करीबन 7 बजे तक चली। 8 घंटे की इस मैराथन के बाद जिले के उन अधिकारियों के चेहरे मुरझाये हुए थे, जो अभी तक आरामपसंद जिंदगी जीते रहे हैं। उन्हें लगने लगा है कि अब एसी वाले ऑफिस से बाहर निकलकर काम करना होगा। इससे पहले प्रात: आईजी ने जिले के आरक्षीगण की सम्पर्क सभा ली। इस बैठक में सभी कर्मचारियों को आश्वस्त किया गया कि उनके लिए अच्छा माहौल बनाया जायेगा। पुलिस लाइन में एक पेटी भी लगायी गयी है, इसमें आरक्षीगण अपने अधिकारियों के दुव्र्यवहार व लापरवाही से संबंधित शिकायत डाल सकेंगे। इसमें अगर किसी आरक्षी का नाम नहीं होगा तब भी जांच करवायी जायेगी। इस पेटी की चाबी जिला पुलिस अधीक्षक के पास होगी। एसपी स्वयं हर सप्ताह इस पेटी को खोलकर उसमें डाली गयी शिकायतों का अध्ययन करेंगें और आवश्यकतानुसार आगामी कार्यवाही करेंगे।
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