Friday, August 24, 2018

प्रभारी मंत्री का प्रताप, राजेश स्याग को मिला सदर


  1. कुलदीप वालिया पुरानी आबादी
  2. विजेन्द्र शीला को मिला केसरीसिंहपुर
  3.  थाने का इंतजार कर रहे मोहम्मद अनवर पहुंचे घड़साना 
  4. करणपुर डीवाईएसपी के भाई हैं अनवर
  5. पुष्पेन्द्र को फिर नहीं मिला थाना, लम्बा हुआ इंतजार
  6. मुंशी प्रेमचंद की कहानियां अब यातायात पुलिस थाना में गूंजेंगी

श्रीगंगानगर। शुक्रवार प्रात: पुलिस महानिरीक्षक ने रेंज के जिलों में थानाधिकारियों का तबादला किया तो शाम को पुलिस अधीक्षक ने थानाधिकारियों की नियुक्ति के आदेश भी जारी कर दिये। प्रभारी मंत्री डॉ. रामप्रताप के नजदीकी लोगों में शामिल राजेश स्याग को जिला मुख्यालय का सदर थाना मिला है। हालांकि गंगानगर जिला मुख्यालय के साथ उनका रिश्ता सहज नहीं रहा है और उन्हें बड़े दुखदायी दिन देखने पड़े थे। श्री वालिया सदर से अब पुरानी आबादी आ गये हैं। सदर थाना में उनको करीबन दो साल हो गये थे। इस कारण उनका तबादला किया गया। वहीं साहित्यकारों की महफिल अब ट्रैफिक थाना में जमा करेगी। आनंद गिल का स्थानांतरण वहां हो गया है। उन्होंने अपने कैरियर के सबसे लम्बे पीरियड का कार्यकाल पुरानी आबादी थाने में पूरा कर लिया। करीबन 6 महीने का।
जाट राजनेताओं के दुलारे माने जाने वाले राजेश स्याग को इस बार गैर जाट इलाके किंतु महत्वपूर्ण पुलिस थाने में नियुक्ति मिली है। श्री स्याग को सदर पुलिस थाना में एसएचओ लगाया गया है। करीबन 8 साल पहले श्रीगंगानगर में एसपी उमेश दत्ता थे और उस समय पत्रकार सतीश बेरी उनके पास ही बैठे हुए थे, जब राजेश स्याग ने गृह विभाग का डीओ उनको लाकर दिया था। उन्होंने उस समय बताया था कि वे चुरू से स्थानांतरित होकर आये हैं और एसपी के रीडर भी रहे हैं। इसके बाद उनको सूरतगढ़ सर्किल में नियुक्ति दी गयी। तत्कालीन विधायक गंगाजल मील के वे दुलारे बन गये थे इस कारण उनका चार साल का जिले का सर्किल वहीं पूरा हो गया। इसके बाद जब चुनाव आये तो उनका तबादला हनुमानगढ़ जिले में हो गया। वे हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर ही चार साल पूरे करने वाले दूसरे अधिकारी बन गये। डॉ. रामप्रताप के नजदीकी बन गये थे इस कारण पहले हनुमानगढ़ सदर थाना में रहे और फिर जब इंस्पेक्टर बन गये तो फिर से जिला मुख्यालय पर ही नियुक्त रहे। अब वहां से स्थानांतरित होकर आये हैं तो सदर थाना के लिए सरकारी आदेश लेकर ही आये थे।
राजेश स्याग का पूर्व में जिला मुख्यालय के साथ रिश्ता सहज नहीं रहा है। पुरानी आबादी पुलिस थाना में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत हो गयी थी। उस समय श्री स्याग इसी थाने में प्रशिक्षण ले रहे थे। युवक की मौत के बाद जब मुकदमा दर्ज हुआ तो पूरा थाना ही फरार हो गया था। इसके बाद वे 2009-10 में लौटकर आये थे। अब वे फिर से जिला मुख्यालय पर नियुक्त हुए हैं।
वहीं कुलदीप वालिया अब पुरानी आबादी थानाधिकारी होंगे। सदर पुलिस थाना में उनका दो साल का कार्यकाल पूर्ण हो गया था, इस कारण यहां भेजा गया है। दूसरी ओर करणपुर सर्किल के डीवाईएसपी मोहम्मद अयूब के भाई मोहम्मद अनवर अब घड़साना पुलिस थाना के अधिकारी होंगे। घड़साना एसएचओ विक्रमसिंह चौहान का पूर्व में ही तबादला हो गया था और वे अब नये अधिकारी का ही इंतजार करते हुए ग्रेस पीरियड पूरा कर रहे थे। विजेन्द्र शीला को केसरीसिंहपुर पुलिस थाना में नियुक्ति दी गयी है। श्री शीला राकेश रोशन की तरह 'कÓ अक्षर से काफी नजदीकी रिश्ता है। इसी कारण उनका ज्यादातर कार्यकाल कोतवाली में बिता और अब जिले में वे पहली बार थानाधिकारी बने हैं तो केसरीसिंहपुर पुलिस थाना मिला है। वहीं पुष्पेन्द्रसिंह का पुलिस थाने का इंतजार लम्बा हो गया है। उन्हें मानव तस्कर निरोधी यूनिट का प्रभारी बनाया गया है। यह पद बलवंत राय के तबादले के बाद से ही रिक्त था। घमूड़वाली थानाधिकारी और हर मन प्यारे, मधुरवाणी के मालिक लक्ष्मणसिंह राठौड़ कंट्रोल रूम के प्रभारी होंगे। ट्रैफिक थाने में नियुक्ति हुई है। यह पद आनंद गिल को मिला है। कुलदीप चारण के इंस्पेक्टर बनकर ट्रेनिंग हेतु जयपुर जाने के कारण यह पद रिक्त हो गया था। आनंद गिल ने  पुरानी आबादी पुलिस थाना में किया 6 माह का कार्यकाल पूरा किया जो, संभवत: उनके कैरियर का सबसे लम्बे समय तक थानाधिकारी के पद पर रहने का रिकॉर्ड है। 

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