प्रशिक्षु आईएएस और आईपीएस की नियुक्ति देती है कई इशारे
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने विधानसभा चुनावों से करीबन चार माह पहले आईएएस और आईपीएस की तबादला सूची जारी कर श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र में प्रशिक्षु आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति कर कई संकेत इशारों में दिये हैं और अब यह तय है कि अगले चुनावों में धन और बल दोनों ही नहीं चल पायेगा। अब जो जनता से ज्यादा सम्पर्क करेगा, उसी का भला होगा।
गत विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक होने के बावजूद आरोप लगा था कि धन और बल के आधार पर श्रीगंगानगर में चुनाव लड़ा गया। पैसों का खूब बंटवारा हुआ। इन चुनावों में तो कांगे्रेस को एतिहासिक हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा भी पराजित हो गयी थी।
सीएम ने चुनावों से पहले श्रीगंगानगर उपखण्ड अधिकारी के पद पर प्रशिक्षु आईएएस सौरभ स्वामी की नियुक्ति की है। वहीं सीओ ग्रामीण के पद प्रशिक्षु आईपीएस मृदुल कच्छावा को लगाया है। हालांकि सीओ सिटी का पद भी रिक्त होने वाला है क्योंकि सीओ सिटी पर नियुक्त वर्तमान आरपीएस तुलसीदास पुरोहित आगामी दो माह के बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस कारण इस पद पर नये अधिकारी की नियुक्ति तय है।
जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी पूरे जिले को संभालने की रहती है इस कारण वे एक विधानसभा सीट पर ज्यादा फोक्स नहीं कर पाते। वहीं उपखण्ड अधिकारी और सीओ को अपना ही क्षेत्र संभालना होता है। इस कारण धन-बल पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए सीएम ने बड़ा प्रयास किया है। इससे उन नेताओं को भी गहरा धक्का लगेगा जो पैसों के दम पर विधायक बनने का ख्वाब देख रहे थे।
आरएएस और आरपीएस राजनीतिक दबाव में आ जाते हैं लेकिन आईएएस और आईपीएस का सीधा लिंक सीएम से होता है इस कारण वे स्थानीय नेताओं के दबाव में नहीं आते। दो भारतीय सेवा के अधिकारियों की देखरेख में श्रीगंगानगर विधानसभा चुनाव होगा तो यह बड़ा ही रोचक होगा। क्योंकि शहर के कुछ इलाकों में पैसों का खेल पुराना चलता रहा है। इस बार यह खेल नहीं चलेगा और यही लोकतंत्र की जीत होगी, जिसमें आम आदमी भी विधायक बनने का ख्वाब देख सकता है।
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने विधानसभा चुनावों से करीबन चार माह पहले आईएएस और आईपीएस की तबादला सूची जारी कर श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र में प्रशिक्षु आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति कर कई संकेत इशारों में दिये हैं और अब यह तय है कि अगले चुनावों में धन और बल दोनों ही नहीं चल पायेगा। अब जो जनता से ज्यादा सम्पर्क करेगा, उसी का भला होगा।
गत विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक होने के बावजूद आरोप लगा था कि धन और बल के आधार पर श्रीगंगानगर में चुनाव लड़ा गया। पैसों का खूब बंटवारा हुआ। इन चुनावों में तो कांगे्रेस को एतिहासिक हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा भी पराजित हो गयी थी।
सीएम ने चुनावों से पहले श्रीगंगानगर उपखण्ड अधिकारी के पद पर प्रशिक्षु आईएएस सौरभ स्वामी की नियुक्ति की है। वहीं सीओ ग्रामीण के पद प्रशिक्षु आईपीएस मृदुल कच्छावा को लगाया है। हालांकि सीओ सिटी का पद भी रिक्त होने वाला है क्योंकि सीओ सिटी पर नियुक्त वर्तमान आरपीएस तुलसीदास पुरोहित आगामी दो माह के बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस कारण इस पद पर नये अधिकारी की नियुक्ति तय है।
जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी पूरे जिले को संभालने की रहती है इस कारण वे एक विधानसभा सीट पर ज्यादा फोक्स नहीं कर पाते। वहीं उपखण्ड अधिकारी और सीओ को अपना ही क्षेत्र संभालना होता है। इस कारण धन-बल पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए सीएम ने बड़ा प्रयास किया है। इससे उन नेताओं को भी गहरा धक्का लगेगा जो पैसों के दम पर विधायक बनने का ख्वाब देख रहे थे।
आरएएस और आरपीएस राजनीतिक दबाव में आ जाते हैं लेकिन आईएएस और आईपीएस का सीधा लिंक सीएम से होता है इस कारण वे स्थानीय नेताओं के दबाव में नहीं आते। दो भारतीय सेवा के अधिकारियों की देखरेख में श्रीगंगानगर विधानसभा चुनाव होगा तो यह बड़ा ही रोचक होगा। क्योंकि शहर के कुछ इलाकों में पैसों का खेल पुराना चलता रहा है। इस बार यह खेल नहीं चलेगा और यही लोकतंत्र की जीत होगी, जिसमें आम आदमी भी विधायक बनने का ख्वाब देख सकता है।
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