यूआईटी ने चार बार दानदाता को 55 लाख जमा करवाने का नोटिस दिया लेकिन फिर भी पैसे नहीं हुए जमा
श्रीगंगानगर। आगामी चुनावों को देखते हुए श्रीगंगानगर की जनता को एक बार फिर से मेडिकल कॉलेज के निर्माण का झुनझुना देने का प्रयास भी सफल नहीं हो रहा है। दानदाता ने जो स्ट्रक्चर डिजायन भिजवाया था, वह फेल हो गया है। उसमें अनेक कमियां होने के कारण मेडिकल शिक्षा विभाग ने वापिस भेज दिया है। वहीं यूआईटी को पैसे भी जमा नहीं हुए हैं।
प्रशासनिक सूत्रों ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए स्ट्रक्चर डिजायन दानदाता ने तैयार करवाया था। दानदाता ने अपने मुखपत्र के माध्यम से दावा किया था स्ट्रक्चर डिजायन देश की श्रेष्ठतम कंपनियों में से एक से तैयार करवाया जा रहा है। लेकिन इस दावे की पौल उस समय खुल गयी जब दानदाता को डिजायन की कॉपी जयपुर में सरकार ने संशोधित करने के आवश्यक आदेशों के बाद वापिस भेज दी। स्ट्रक्चर डिजायन अनुमोदित नहीं होने के कारण यह काम अटक गया है। संशोधित स्ट्रक्चर डिजायन की कॉपी अभी तक जयपुर भिजवाये जाने की खबर नहीं मिली है।
वहीं नगर विकास न्यास को विभिन्न मद में दानदाता ने 55 लाख रुपये जमा करवाने थे। इसके लिए नोटिस जारी कर दिया गया। कम से कम दो बार रिमांइडर भी भिजवाया गया, लेकिन यह राशि जमा नहीं हुई थी। दानदाता का प्रयास है कि सरकार इस 55 लाख की राशि को माफी कोटे में डाल दे।
श्रीगंगानगर। आगामी चुनावों को देखते हुए श्रीगंगानगर की जनता को एक बार फिर से मेडिकल कॉलेज के निर्माण का झुनझुना देने का प्रयास भी सफल नहीं हो रहा है। दानदाता ने जो स्ट्रक्चर डिजायन भिजवाया था, वह फेल हो गया है। उसमें अनेक कमियां होने के कारण मेडिकल शिक्षा विभाग ने वापिस भेज दिया है। वहीं यूआईटी को पैसे भी जमा नहीं हुए हैं।
प्रशासनिक सूत्रों ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए स्ट्रक्चर डिजायन दानदाता ने तैयार करवाया था। दानदाता ने अपने मुखपत्र के माध्यम से दावा किया था स्ट्रक्चर डिजायन देश की श्रेष्ठतम कंपनियों में से एक से तैयार करवाया जा रहा है। लेकिन इस दावे की पौल उस समय खुल गयी जब दानदाता को डिजायन की कॉपी जयपुर में सरकार ने संशोधित करने के आवश्यक आदेशों के बाद वापिस भेज दी। स्ट्रक्चर डिजायन अनुमोदित नहीं होने के कारण यह काम अटक गया है। संशोधित स्ट्रक्चर डिजायन की कॉपी अभी तक जयपुर भिजवाये जाने की खबर नहीं मिली है।
वहीं नगर विकास न्यास को विभिन्न मद में दानदाता ने 55 लाख रुपये जमा करवाने थे। इसके लिए नोटिस जारी कर दिया गया। कम से कम दो बार रिमांइडर भी भिजवाया गया, लेकिन यह राशि जमा नहीं हुई थी। दानदाता का प्रयास है कि सरकार इस 55 लाख की राशि को माफी कोटे में डाल दे।
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