तेहरान, 31 जुलाई : खाड़ी के प्रमुख तेल उत्पादक देश ईरान को विश्व की सबसे मजबूत आर्थिक शक्ति अमेरिका से मुकाबला भारी पड़ रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था रसातल में चली गयी है और आगामी नवंबर माह तक वह बुरी तरह बर्बाद हो सकता है।
हासिलशुदा जानकारी के अनुसार अमेरिकी सरकार के आर्थिक प्रतिबंधों का इरान पर व्यापक असर हुआ है। अमेरिका के साथ ईरान के विभिन्न मामलों पर मतभेद हैं। दुनिया का एकमात्र शिया देश ईरान में मंगलवार को एक डॉलर भी खरीदना मुश्किल हो रहा है। एक डॉलर का दाम 44 हजार को पार कर गया है। भारतीय मुद्रा उससे करीबन साढे छ: गुणा महंगी हो गयी है। ईरानी मुद्रा रियाल रसातल में चली गयी है। अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने वाले दो प्रमुख देशों भारत व चीन को भी चेतावनी दी है कि वह नवंबर तक ईरान से तेल खरीदना बंद कर दे अन्यथा उनको भी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया को आर्थिक प्रतिबंधों के कारण झुका चुके हैं। अब उसकी नजर ईरान पर है। श्री ट्रंप एक कट्टरवादी अमेरिकी राष्ट्रपति
के रूप में प्रसिद्ध हो रहे हैं जो कड़े निर्णय लेने से मीडिया-अंतरराष्ट्रीय दबाव को महसूस नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि अमेरिका आर्थिक मंदी के दौर से बाहर आ रहा है और उसकी जीडीपी 4 प्रतिशत को पार कर रही है जो काफी सालों बाद हो रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्वयं इसकी घोषणा की है कि देश अब और मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने पिछले दिनों एक प्रेस नोट जारी कर उत्पादन क्षेत्र में कार्यरत 2 लाख श्रमिकों के बेरोजगार करने का आरोप भी गत सरकार पर लगाया था। वहीं ईरान में कार्यरत भारतीय लोगों के लिए भी बेरोजगार होने का संकट पैदा हो गया है। भारत सरकार ने ईरान की मुद्रा पर किसी भी प्रकार के लेन-देन पर रोक लगा दी है और उसको सिर्फ ईरान की यात्रा के दौरान ही प्रयोग किया जा सकेगा।
हासिलशुदा जानकारी के अनुसार अमेरिकी सरकार के आर्थिक प्रतिबंधों का इरान पर व्यापक असर हुआ है। अमेरिका के साथ ईरान के विभिन्न मामलों पर मतभेद हैं। दुनिया का एकमात्र शिया देश ईरान में मंगलवार को एक डॉलर भी खरीदना मुश्किल हो रहा है। एक डॉलर का दाम 44 हजार को पार कर गया है। भारतीय मुद्रा उससे करीबन साढे छ: गुणा महंगी हो गयी है। ईरानी मुद्रा रियाल रसातल में चली गयी है। अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने वाले दो प्रमुख देशों भारत व चीन को भी चेतावनी दी है कि वह नवंबर तक ईरान से तेल खरीदना बंद कर दे अन्यथा उनको भी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया को आर्थिक प्रतिबंधों के कारण झुका चुके हैं। अब उसकी नजर ईरान पर है। श्री ट्रंप एक कट्टरवादी अमेरिकी राष्ट्रपति
के रूप में प्रसिद्ध हो रहे हैं जो कड़े निर्णय लेने से मीडिया-अंतरराष्ट्रीय दबाव को महसूस नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि अमेरिका आर्थिक मंदी के दौर से बाहर आ रहा है और उसकी जीडीपी 4 प्रतिशत को पार कर रही है जो काफी सालों बाद हो रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्वयं इसकी घोषणा की है कि देश अब और मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने पिछले दिनों एक प्रेस नोट जारी कर उत्पादन क्षेत्र में कार्यरत 2 लाख श्रमिकों के बेरोजगार करने का आरोप भी गत सरकार पर लगाया था। वहीं ईरान में कार्यरत भारतीय लोगों के लिए भी बेरोजगार होने का संकट पैदा हो गया है। भारत सरकार ने ईरान की मुद्रा पर किसी भी प्रकार के लेन-देन पर रोक लगा दी है और उसको सिर्फ ईरान की यात्रा के दौरान ही प्रयोग किया जा सकेगा।
No comments:
Post a Comment