श्रीगंगानगर। निवर्तमान पुलिस महानिरीक्षक के सान्निध्य में धीरेन्द्रसिंह शेखावत खूब पला। बिछवाल पुलिस थाना में एसआई के रूप में कार्यकाल पूरा किया और फिर इंस्पेक्टर बनकर वापिस ही बिछवाल थाना में नियुक्त होने वाले वे बीकानेर संभाग के पहले थानाधिकारी बन गये। सबसे लम्बे समय तक बीकानेर के बिछवाल पुलिस थाना में रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। बिछवाल पुलिस थाना बीकानेर जिले का हृदयस्थल कहा जा सकता है। यहां ही विश्व प्रसिद़्ध भूजिया व मिठाई की फैक्ट्रियां हैं।
अब वक्त बदल गया है। नये महानिरीक्षक आ गये हैं लेकिन इस वक्त की नजाकत को वह पहचान नहीं पाये और उनकी कार्यप्रणाली ने एक थानाधिकारी की बलि ले ली। सूत्रों ने बताया कि बीकानेर रेंज का एक थानाधिकारी एनडीपीएस एक्ट की जांच के लिए बीकानेर गया। वहां वह मेडिकल स्टोर संचालक से बातचीत कर ही रहा था कि इसी दौरान वहां धीरेन्द्रसिंह शेखावत का आगमन हो गया। उसने थानाधिकारी को तो वहां से भेज दिया। वह थानाधिकारी अभी अपने थाने भी नहीं पहुंचा था कि उसके एसपी को संबंधित मेडिकल स्टोर के रिश्तेदारों ने सूचना कर दी कि जांच के नाम पर उनसे रिश्वत ली गयी है। अब वह थानाधिकारी थाना पहुंचा था कि एसपी का बुलावा आ गया। बताया जा रहा है कि मध्यस्थता धीरेन्द्रसिंह शेखावत ने की थी और उसका परिणाम यह हुआ कि उस बेचारे थानाधिकारी को लाइन में भेज दिया गया। उसकी बलि धीरेन्द्रसिंह शेखावत की लापरवाही से चढ़ गयी।
अब वक्त बदल गया है। नये महानिरीक्षक आ गये हैं लेकिन इस वक्त की नजाकत को वह पहचान नहीं पाये और उनकी कार्यप्रणाली ने एक थानाधिकारी की बलि ले ली। सूत्रों ने बताया कि बीकानेर रेंज का एक थानाधिकारी एनडीपीएस एक्ट की जांच के लिए बीकानेर गया। वहां वह मेडिकल स्टोर संचालक से बातचीत कर ही रहा था कि इसी दौरान वहां धीरेन्द्रसिंह शेखावत का आगमन हो गया। उसने थानाधिकारी को तो वहां से भेज दिया। वह थानाधिकारी अभी अपने थाने भी नहीं पहुंचा था कि उसके एसपी को संबंधित मेडिकल स्टोर के रिश्तेदारों ने सूचना कर दी कि जांच के नाम पर उनसे रिश्वत ली गयी है। अब वह थानाधिकारी थाना पहुंचा था कि एसपी का बुलावा आ गया। बताया जा रहा है कि मध्यस्थता धीरेन्द्रसिंह शेखावत ने की थी और उसका परिणाम यह हुआ कि उस बेचारे थानाधिकारी को लाइन में भेज दिया गया। उसकी बलि धीरेन्द्रसिंह शेखावत की लापरवाही से चढ़ गयी।
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