श्रीगंगानगर, 24 अगस्त। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह ढढ्ढा के निर्देशानुसार विधिक जागरूकता टीम के सदस्यगण एडवोकेट वेदप्रकाश नारंग, पैरालीगल वलिंटियर अरविन्द जोशी तथा विजय सिंह पीएलवी द्वारा अटल सेवा केन्द्र, साहुवाला में उप सरपंच राम अवतार एवं सरपंच पति गगनदीप सिंह के सहयोग से विधिक शिविर का आयोजन किया गया। विधिक शिविर में एडवोकेट वेदप्रकाश नारंग, पैरालीगल वलिंटियर अरविन्द जोशी तथा विजय सिंह पीएलवी द्वारा ग्रामवासियों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की कल्याणकारी योजना नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना-2015 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। शिविर में बताया गया कि इस योजना के अन्तर्गत बेसहारा, बेघर और निःसहाय मानसिक बीमार तथा मानसिक अशक्तताग्रस्त व्यक्तियों को विधिक सहायता मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 की धारा 23 के तहत किसी पुलिस थाना के प्रभारी अधिकारी अपने थाने की सीमा के भीतर किसी आवारा, मानसिक बीमार व्यक्ति अथवा किसी खतरनाक मानसिक बीमार व्यक्ति की जावे तब ऐसे व्यक्ति को उक्त अधिनियम की धारा 24 के तहत दण्डाधिकारी के समक्ष कथित व्यक्ति की उपचार हेतु मनोःचिकित्सक अस्पताल अथवा मनोःचिकित्सक नर्सिग होम में दाखिला हेतु आदेश प्राप्त कर सकता है। मानसिक रोगियों को भी अन्य लोगों की तरह ही जीवन जीने का अधिकार है। इस अवसर पर भारी संख्या में महिला, पुरूष ग्रामवासी उपस्थित थे।
Friday, August 24, 2018
अटल सेवा केन्द्र, साहुवाला में विधिक शिविर का आयोजन
श्रीगंगानगर, 24 अगस्त। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह ढढ्ढा के निर्देशानुसार विधिक जागरूकता टीम के सदस्यगण एडवोकेट वेदप्रकाश नारंग, पैरालीगल वलिंटियर अरविन्द जोशी तथा विजय सिंह पीएलवी द्वारा अटल सेवा केन्द्र, साहुवाला में उप सरपंच राम अवतार एवं सरपंच पति गगनदीप सिंह के सहयोग से विधिक शिविर का आयोजन किया गया। विधिक शिविर में एडवोकेट वेदप्रकाश नारंग, पैरालीगल वलिंटियर अरविन्द जोशी तथा विजय सिंह पीएलवी द्वारा ग्रामवासियों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की कल्याणकारी योजना नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना-2015 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। शिविर में बताया गया कि इस योजना के अन्तर्गत बेसहारा, बेघर और निःसहाय मानसिक बीमार तथा मानसिक अशक्तताग्रस्त व्यक्तियों को विधिक सहायता मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 की धारा 23 के तहत किसी पुलिस थाना के प्रभारी अधिकारी अपने थाने की सीमा के भीतर किसी आवारा, मानसिक बीमार व्यक्ति अथवा किसी खतरनाक मानसिक बीमार व्यक्ति की जावे तब ऐसे व्यक्ति को उक्त अधिनियम की धारा 24 के तहत दण्डाधिकारी के समक्ष कथित व्यक्ति की उपचार हेतु मनोःचिकित्सक अस्पताल अथवा मनोःचिकित्सक नर्सिग होम में दाखिला हेतु आदेश प्राप्त कर सकता है। मानसिक रोगियों को भी अन्य लोगों की तरह ही जीवन जीने का अधिकार है। इस अवसर पर भारी संख्या में महिला, पुरूष ग्रामवासी उपस्थित थे।
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