Friday, August 10, 2018

5 लाख में वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर, 1 लाख है कमाई/month

श्रीगंगानगर। हर आदमी तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाने के लिए प्रयासरत मोदी सरकार ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए बड़ा माध्यम दिया है। वीएनओ याने वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर। इस कार्य को आरंभ करने के लिए पांच लाख से भी कम राशि लगती है और एक लाख से भी अधिक की आय हो सकती है। यह बहुत ही सुलभ कार्य है और इसमें ज्यादा टेंशन भी नहीं होती।
दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी सूचना क्रांति के भारत में जनक माने जाते हैं और वे ही कम्प्यूटर को भारत लाये थे। उनके दौर में युवाओं को रोजगार देने के लिए एसटीडी-पीसीओ आरंभ हुए जो उस दौर में हजारों लोगों को रोजगार देने में सहायक हुए। अब दौर बदला है। मोबाइल युग आया तो पीसीओ की ज्यादा आवश्यकता नहीं है किंतुं आज की तारीख में भी हजारों लोगों के लिए यह वैकल्पिक आय का स्रोत बना हुआ है।
मोदी का युग आरंभ हुआ तो उन्होंने इंटरनेट क्रांति भारत में प्रवेश कर गयी। जो लोग पहले डेटा को बहुत सहेज कर रखते थे, वे आज खुले दिल से खर्च कर रहे हैं। पहले एक जीबी डेटा (3 जी-4 जी) 2 सौ रुपये तक खर्च करवा जाता था अब रोजाना 2 जीबी तक रोजाना 4 जी डेटा अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ फ्री मिल रहा है। रोमिंग फ्री। इसमें नरेन्द्र मोदी की अमेरिकन यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण रही हैं। वे जब भी अमेरिका में गये, इंटरनेट की दुनिया के जनक सैलीकॉन वैली जरूर गये। यहां अमेरिका की सभी कंपनी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक-व्हाट्स एप के हैड ऑफिस हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन सभी कंपनियों के सीईओ से कई दौर की बात की। इनके सीइओ भारत भी आये और मोदी की मेहनत रंग ले आयी। इन सभी कंपनियों ने अपने सर्वर सैंटर भारत में स्थापित किये हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि भारत के यूजर्स का यू-ट्यूब, फेसबुक, जी-मेल, एडवांस इंटरनेट सर्विस क्लाउड-कम्प्यूटिंग आदि का डेटा यहीं सेव होने लगा। यहां भारत में ही यह डेटा उपलब्ध होने से मोबाइल सेवा प्रदात्ता कंपनियों को अमेरिका से जो डेटा लेने के लिए शुल्क देना पड़ता था, वो शुल्क देना बंद हो गया। डेटा फ्री जैसा हो गय। अब भारत में सभी प्रमुख सोशल कंपनियों के डेटा भारत की अन्य कंपनियों के साथ टाइअप होने के कारण सिंक होने लगे हैं। इससे भारत का पैसा भारत में ही रहने लगा। विदेश में खर्च होने वाला पैसा बचा तो इसका लाभ आम आदमी को मिला।
नरेन्द्र मोदी ने यह भी देखा कि भारत में मोबाइल सेवा प्रदात्ता कंपनियों की संख्या ज्यादा नहीं है तो उन्होंने इंटरनेट प्रोवाइडर सेवा भी आरंभ की। इससे सैकड़ों कंपनियां भारत में आ गयी हैं जो इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवाती हैं। यह कंपनियां अपने नेटवर्क स्थापित कर रही हैं और इन नेटवर्क से जो व्यक्ति जुड़ जाता है उसको वर्चुअल नेटवर्क प्रोवाइडर का नाम दिया जाता है।
इंटरनेट सेवा प्रदात्ता कंपनियां एक गारंटी राशि लेकर इन वर्चुअल नेटवर्क प्रोवाइडर को लाइसेंस जारी करते हुए अपना अधिकृत डीलर घोषित कर देती हैं और इस तरह से श्रीगंगानगर में ही अनेक कंपनियां प्रवेश कर गयी हैं। बीएसएनएल के ब्रॉडबैण्ड पर अब भरोसा करने की जरूरत नहीं है। आपको घर पर फाइबर तक लाइन बिछाकर कई कंपनियां इंटरनेट सेवाएं दे रही हैं।
यह वर्चुअल नेटवर्क प्रोवाइडर अपना शहर गंगानगर में बिछा रहे हैं। इससे 1 एमबीपीएस से लेकर 100 एमबीपीएस तक की स्पीड आपको उपलब्ध हो सकती है। इसके लिए कंपनियों ने निर्धारित शुल्क रखे हुए हैं। 100 एमबीपीएस स्पीड का अर्थ होता है 100 मेगा बाइट/सैकिण्ड। 4 जी मोबाइल इंटरनेट सर्विस में 1 एमबीपीएस की भी स्पीड नहीं होती है। अगर उसी को आप वाईफाई के जरिये 100 या इससे कम स्पीड पर जोड़ेंगे तो आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि 4 जीबी की फिल्म या फाइल भी कुछ ही क्षण में डाउनलोड हो जायेगी।
वहीं अगर कुछ बड़े व्यापारी इनमें इनवेस्ट करें तो यह उनके लिए करोड़ों रुपये प्रति टर्नओवर वाली कंपनी भी बन सकती है। अब टीवी का युग समाप्त हो रहा है और मोबाइल का युग आरंभ हो चुका है। इस कारण सभी टीवी चैनलों ने अपनी वेबसाइट बनायी हुई है जहां सभी तरह के कार्यक्रम लाइव स्ट्रीम होते हैं। इस इंटरनेट सर्विस से उसको जोड़कर अगर शहर में उसको केबल, फोन आदि की सुविधा भी एक ही छत के नीचे दी जा सकती है। आपकी खुद की कंपनी का फोन नंबर होगा। उसको आप दे सकेंगे। आपकी कंपनी से जुड़े सभी उपभोक्ता एक-दूसरे से मुफ्त में बात कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त श्रीगंगानगर जिले में अभी तक महाराजा केबल नेटवर्क अकेला ही केबल चैनल की दुनिया का बादशाह है। उसको भी इस इंटरनेट सेवा की बदौलत चुनौति दी जा सकती है।
मोदी का युग आरंभ हुआ है तो इसमें परंपरागत तरीके से व्यापार करना अब आसान नहीं रह गया है और रोजगार प्राप्त करने के हजारों वैकल्पिक साधन उपलब्ध हो गये हैं जिनमें कम इन्वेस्टमेंट में ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है और यह इंटरनेट की दुनिया से ही संभव है। पहले किरयाना, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक की दुकान खोलना लाभ का सौदा माना जाता था लेकिन अब दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता कंपनी वॉलमार्ट का भी भारत में पिछले दरवाजे से प्रवेश हो गया है। उसने फ्लिपकॉर्ट जैसी ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी को खरीद लिया है तो इससे वह नयी क्रांति लाने वाली है और इससे छोटे-बड़े सभी तरह का व्यापार करने वालों को नुकसान होना तय है। इसलिए सभी छोटे-बड़े व्यापारियों को अपने परंपरागत धंधे छोड़कर नये धंधे जिसमें कम निवेश और ज्यादा मुनाफा है, की ओर ध्यान दिये जाने का समय आ गया है। लाखों रुपये दुकानों की खरीद करने के बजाय एमेजॉन-फ्लिपकार्ट की ई-कॉमर्स कंपनियों में अपना स्टोर बनाकर वहां खुद के बनाये हुए उत्पाद को बेचें। अपनी खुद की ई-कॉमर्स कंपनी बनाएं। यह पूरी दुनिया तक आपकी पहुंच को आसानी से बनायेगा। अब तक पर्ची सट्टा-क्रिकेट बुक्की जैसे असामाजिक धंधों में ही अपना जीवन बर्बाद करने वालों के लिए भी इंटरनेट की दुनिया बहुत ही फायदे का सौदा साबित हो सकती है। इससे केवल आप स्वरोजगार प्राप्त करेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने की स्थिति में होंगे। हां, इसमें प्रधानमंत्री मुद्रा लोन में लोन नहीं मिल सकता क्योंकि इसमें आपको कुछ खरीदना नहीं है सिर्फ बेचना है। वो भी डेटा पैकेज। जिसका पैकेज खत्म हो गया। वह फोन कर आपके खाते में पैसा जमा करवायेगा ओर फिर उसका पैकेज रिचार्ज होगा। कोई उधार वाला काम नहीं है। कुछ इस्टूमेंट नहीं खरीदना, इस कारण घाटा लगने का भी कारण नहीं है। 

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