शहर के व्यापारियों से रंगदारी मांगने के मामले में भी पुलिस के हाथ खाली हैं.
सूत्रों ने बताया कि जॉर्डन मर्डर केस के मुख्य अभियुक्त अंकित भादू और अक्षय फरार होने के कारण पुलिस अभी वजह सबूत बरामद नहीं कर पाई है। इस कारण अन्य अभियुक्त पर मजबूत केस नहीं बन पाएगा। वंही व्यापारियों से रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस गिरफ्तारी नहीं कर पाई।
हैरानीजनक बात तो यह भी है कि इस मामले की जांच एसओजी को दी गयी थी जबकि जांच स्थानीय पुलिस करती नजर आई। एसओजी तो कंही नजर भी नहीं आई। जॉर्डन के ऑरिजनो ने एसओजी जांच की मांग की थी। इस मामले एसओजी के एक आरपीएस आए भी थे किन्तु जिस तरह का केस था. उच्च अधिकारी को कैम्प कर यंहा संगठित अपराध को खत्म करना चाहिए था जो एसओजी नहीं कर पाई.
सम्पत नेहरा को गिरफ्तार हरियाणा पुलिस ने किया उससे भी पुलिस को सफलता नहीं लगी। उसको जॉर्डन मर्डर केस या गंगानगर में अन्य कोई वारदात में शामिल होना नहीं पाया गया.
पुलिस ने अभी तक यह भी साफ़ नहीं किया है कि वह गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई से पूछताछ करेगी या नही.
पुलिस का आरोप था कि लारेंस गिरोह ने जॉर्डन को धमकी दी थी। पुलिस का दावा है की लारेंस गिरोह के शूटर अंकित और अक्षय ने जॉर्डन का मर्डर अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर किया था।
पुलिस का यह दावा कितना सही है ये ईश्वर को ही पता है. हालांकि लारेंस बिश्नोई यही कहता रहा है कि उसके खिलाफ साजिशन मुकदमे पुलिस दर्ज करती है।
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